बैहरैन में आले ख़लीफ़ा सरकार ने अब तक 30 मस्जिदें ध्वस्त की
जब से बैहरैन में जनता ने क्रांति आरम्भ की है तभी से आले ख़लीफ़ा सरकार की तरफ़ से लगातार मस्जिदों और इमाम बाड़ों को निशाना बनाया जा रहा है और अब तक 30 से अधिक मस्जिदों को वीरान किया जा चुका है।
अब वहां की जनता मस्जिदों के स्थान पर दोबारा मस्जिद बनाने और नमाज़ों का कार्यक्रम आरम्भ किया है लेकिन सरकार न केवल उनको बनाने से रोक रही है बल्कि वहां पर पार्क और सुपरमार्केट बनाए जा रहे हैं।
बैहरैन में शिया उलेमा काउंसिल को भंग किए जाने के बाद एक और मस्जिद वीरान किए जाने का आदेश दिया गया है, यह मस्जिद करज़कान क्षेत्र में स्थित है और जब से "अलअस्करियैन" नामक इस मस्जिद के गिराए जाने के आदेश दिए गए हैं तब से वहां के लोग मस्जिद में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
शुक्रवार और शनिवार को हुए इस धरने में धर्मगुरू "शेख़ मीसम अलसलमान" ने कहाः इन मस्जिदों को गिराकर सरकार लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने 70 साल पुरानी मस्जिद के स्थान पर पार्क बनाए जाने और एतिहासिक "अलबरीग़ी" मस्जिद के गिराए जाने की तरफ़ इशारा करते हुए कहाः न जाने कब तक अल्लाह के घरों पर शैतानों के हमले जारी रहेंगे। सरकार का यह हिंसक रवय्या बैहरैन को लोगों के साथ नहीं बल्कि उनके धर्म के साथ है।
स्पष्ट रहे है कि बैहरैन के शियों के लीडर "आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम" ने जुमे की नमाज़ के ख़ुतबों में इस तरफ़ इशारा करते हुए कहा था कि बैहरैन की सरकार मस्जिदों और नमाज़ियों के साथ जंग की हालत में है और यह लोग तब तक यह कार्य करते रहेंगे जब तक कि इस देश से सारी मस्जिदों के नाम व निशान ना मिटा दें लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि यह जंग इतिहास और धर्म के साथ जंग है जो उनको बहुत भारी पड़ेगी।
नई टिप्पणी जोड़ें