इस्राईल ने यहूदी बस्तियों पर संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव ख़ारिज किया
ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस्राईल, सुरक्षा परिषद द्वारा पारित होने वाले प्रस्ताव का पालन नहीं करेगा और ट्रम्प के सत्ता में आने की प्रतीक्षा करेगा।
बेनयामिन नेतनयाहू के कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि शुक्रवार की रात संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में पारित होने वाले प्रस्ताव का पालन नहीं किया जाएगा। इस प्रस्ताव में ज़ायोनी शासन से मांग की गई है कि वह अतिग्रहित क्षेत्रों में कालोनियों का निर्माण बंद करे। मिस्र के सुझाव पर सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव पर मतदान हुआ और सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 सदस्यों ने इसके पक्ष में मत दिया और केवल अमरीका ने मतदान में भाग नहीं लिया।
नेतनयाहू के कार्यालय के बयान में अमरीका द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध न किए जाने की आलोचना करते हुए कहा गया है कि अमरीका, इस सांठ-गांठ में इस्राईल की रक्षा करने में विफल रहा। बयान में कहा गया है कि तेलअवीव इस प्रस्ताव के नकारात्मक परिणामों को विफल बनाने के लिए अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प और इस देश की संसद में अपने मित्रों के सहयोग की ओर से आशावान है।
नेतनयाहू ने इसी तरह सेनेगाल और न्यूज़ीलैंड द्वारा इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए इन दोनों देशों से इस्राईल के राजदूत को परामर्श के लिए तुरंत तेलअवीव लौटने का आदेश दिया है। इस प्रस्ताव के पारित होने पर प्रतिक्रिया जताते हुए ट्रम्प ने कहा है कि उनके वाइट हाउस में पहुंचने के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ में बहुत सी चीज़ें बदल जाएंगी।
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