हज़रत आयशा और पैग़म्बर की क़ब्र पर तवस्सुल + चित्र

हज़रत आयशा और पैग़म्बर की क़ब्र पर तवस्सुल + चित्र

आज यह वहाबी लोग नबियों और इमामों से तवस्सुल करने के कारण शियों को काफ़िर और क़ब्रों की पूजा करने वाला कहते हैं, लेकिन सुन्नियों के विश्वस्नीय स्रोतो के अनुसार अगर क़ब्र से तवस्सुल करना शिर्क हैं तो जो सबसे पहला मुशरिक हैं वह पहले ख़लीफ़ा अबूबक्र की बेटी हज़रत आयशा हैं।

दारमी अपनी सुनन में लिखता हैः

بَاب ما أَکْرَمَ الله تَعَالَى نَبِیَّهُ صلى الله علیه وسلم بَعْدَ مَوْتِهِ:

93 – حدثنا أبو النُّعْمَانِ ثنا سَعِیدُ بن زَیْدٍ ثنا عَمْرُو بن مَالِکٍ النُّکْرِیُّ حدثنا أبو الْجَوْزَاءِ أَوْسُ بن عبد اللَّهِ قال قُحِطَ أَهْلُ الْمَدِینَةِ قَحْطًا شَدِیدًا فَشَکَوْا إلى عَائِشَةَ

فقالت: انْظُرُوا قَبْرَ النبی صلى الله علیه وسلم فَاجْعَلُوا منه کووا إلى السَّمَاءِ حتى لَا یَکُونَ بَیْنَهُ وَبَیْنَ السَّمَاءِ سَقْفٌ

قال فَفَعَلُوا فَمُطِرْنَا مَطَرًا حتى نَبَتَ الْعُشْبُ وَسَمِنَتْ الْإِبِلُ حتى تَفَتَّقَتْ من الشَّحْمِ فَسُمِّیَ عَامَ الْفَتْقِ.

पैग़म्बर के स्वर्गवास के  बाद ख़ुदा ने उनको जो चमत्कार दिए हैं उनका अध्यायः

93 औस बिन अब्दुल्लाह कहता हैः मदीने लोगों सूखे का शिकार हो गए, तो उन्होंने आयशा से शिकायत की, आयशा ने कहाः रसूले ख़ुदा की क़ब्र का रुख़ करो, और वहां से आसमान के लिए खिड़की खोलो, इस प्रकार कि आपकी क़ब्र और आसमान के बीच छत ना रह जाए। रावी कहता हैः लोगों ने यही कार्य किय, तो बहुत अधिक बारिश हुई यहां तक कि घासें उग आईं और ऊँट इतने मोटे हो गए कि चर्बी की अधिकता से फटने लगे, इतना अधिक हुआ कि उस साल को फटने का मान दिया गया।

सुनने दारमी, जिल्द 1, पेज 227, प्रकाशन दारुल मुग़नी लिननश्रे वल तौज़ीअ

इस किताब का शोधकर्ता हुसैन सलीम असद अलदारानी इस रिवायत की सनद के बारे में कहता हैः

इस रिवायत के सारे रावी सिक़ा (सच्चे) हैं और यह मौक़ूफ़ है आयशा पर (यानी यह हदीस आयशा से कही गई है ना कि रसूले इस्लाम से) और मुझे यह रिवायत किसी दूसरे स्थान पर नहीं मिली

क्या वहाबी हज़रत आयशा को क़ब्र की पूजा करने वाला और मुशरिक कहेंगे?


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