बहरैन में क्रांति की तीसरी वर्षगांठ पर लाखों लोग सड़कों पर उतरे
बहरैन में आले ख़लीफ़ा शासन के सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्ण हमले किए हैं।
१४ फ़रवरी को बहरैन की क्रान्ति के आरंभ होने की वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को देश भर में प्रदर्शन हुए और सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनों को कुचल देने का प्रयास किया।
बताया जा रहा है कि इस रैली में 20 लाख से अधिक लोग समिलित हुए
राजधानी मनामा में कई स्थानों पर लोगों सड़कों पर बाहर निकले और प्रसिद्ध पर्ल स्क्वायर की ओर बढ़े जहां से क्रान्ति आरंभ हुई थी। इस बीच सऊदी अरब के सैनिकों की सहायता से बहरैनी सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर हमले किए। सुरक्षा बलों के हमले में महदी जवाद नामक एक युवा गंभीर रूप से घायल हो गया जिसकी शारीरिक स्थिति चिंताजनक है।
क्रान्ति की वर्षगांठ के अवसर पर बहरैन में हड़ताल जैसा वातावरण रहा। बाज़ार और व्यापारिक संस्थान बंद रहे।
विपक्षी दल अलवेफ़ाक़ के नेता शैख़ अली सलमान ने प्रदर्शनों में जनता की व्यापक उपस्थिति का स्वागत किया और कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों की मांगें पूरी हो जाने तक प्रदर्शनों का क्रम जारी रहेगा।
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