बहरैन में प्रदर्शन में भाग लेने पर 23 लोगों को 5 साल की जेल

बहरैन के एक न्यायालय ने 23 युवाओं को प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण 5-5 वर्ष की जेल की सज़ा सुनायी है।

मनामा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार बहरैन की अदालत ने मंगलवार को 23 युवाओं को प्रदर्शनों में भाग लेने, सड़कों पर टायर जलाने जैसे आरोप में 5 वर्ष के जेल की सज़ा सुनायी है। इन बहरैनी युवाओं की वकील ज़ैनब ज़वीद ने इससे पहले कहा था कि बहरैनी सुरक्षा बलों ने इन युवाओं को गिरफ़्तारी के वारन्ट के बिना ही गिरफ़्तार किया था और इन युवाओं पर लगे आरोपों की कोई जांच नहीं करायी गयी। बहरैन के क्रान्तिकारियों का कहना है कि आले ख़लीफ़ा शासन ताक़त के बल पर जनक्रान्ति को कुचलना चाहता है।

ज्ञात रहे बहरैन में आले ख़लीफ़ा परिवार वर्ष 1783 से इस देश पर शासन कर रहा है।

बहरैन में मध्य फ़रवरी 2011 से जनक्रान्ति जारी है।

सैकड़ों लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण नौकरियों से निकाल दिया गया और बहुत से डाक्टरों और नर्सों को इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि उन्होंने बहरैनी पुलिस की बर्बरता में घायल होने वाले आम लोगों का उपचार किया था।
बहरैनी जनता का कहना है कि जब तक प्रजातांत्रिक तरीक़े से चुनी गयी सरकार के गठन की उसकी मांग पूरी नहीं हो जाती उस समय तक आले ख़लीफ़ा शासन के विरुद्ध प्रदर्शन जारी रहेगा।

बहरैन में अमरीका का पांचवां नौसैनिक बेड़ा है।

14 मार्च 2011 को सउदी अरब और संयुक्त अरब इमारात ने बहरैन पर चढ़ाई की ताकि बहरैनी शासन की शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के दमन में सहायता कर सके।

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