खम्बे से निकला दूध और शहद

खम्बे से निकला दूध और शहद!

अकसीर अलइबादात में इब्राहिम इबने कनीज़ से रिवायत हैं कि एक दिन इमाम हसन (अ) मस्जिद में बैठे थे। उन्हें प्यास लगी। उन्होंने ग़ुलाम से पानी लाने को कहा।

पानी लाने में कुछ देर हो गई। उन्होंने मस्जिद के सुतून (खम्भा) पर हाथ रखा। और फ़रमाया कि हे ख़ुदा तेरे नबी का बेटा प्यासा हैं। मैंने देखा कि सुतून से पानी बहने लगा। आप ने ख़ुद पिया। फिर हमें भी पिलाया। हमें प्यास नहीं थी। लेकिन शौक़ में पीने लगे। कि उसका मज़ा कैसा हैं।

फिर आप ने फ़रमाया अगर मैं चाहूं तो तुम्हें इसी सुतून से शहद और दूध भी पिला सकता हूँ। हम ने कहा कि हां हम आवश्य पीयेगें। फिर आप ने अपने हाथों को दुआ के लिए उठाया। और मस्जिद के सुतून पर हाथ रखा। सुतून से दूध उसी प्रकार निकलना आरम्भ हुआ। जिस प्रकार नाली चलती हैं। जब हमनें पिया तो उसमें शहद भी मिला था।

(दमअतुस साकेबा पेज न 527)

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