क्षेत्र की स्थिरता में ईरान का अहम रोल
संयुक्त राष्ट संघ के पूर्व महासचिव का कहना है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान मध्यपूर्व में शांति एवं स्थिरता को सुनिश्चित बनाने के लिए अहम भूमिका निभा रहा है।
सन् 2012 में सीरिया के संकट के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र एवं अरब संघ की ओर से पांच महीनों तक विशेष दूत रहे कोफ़ी अन्नान ने शुक्रवार को विश्व आर्थिक सम्मेलन के दौरान कहा कि अगर हमें मध्यपूर्व में शांति एवं स्थिरता को मज़बूत बनाना है तो हमें यह समझना ज़रूरी होगा कि ईरान, क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
अन्नान का यह बयान ऐसे समय में आया है कि जब हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने जिनेवा-2 सम्मेलन में भाग लेने के लिए ईरान को भेजे गए निमंत्रण पत्र को अमरीका के दबाव में आकर वापस ले लिया था।
अमरीका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, और विदेशी समर्थन प्राप्त सीरिया विरोधी समूहों ने सीरिया संकट के समाधान के लिए आयोजित हुए शांति सम्मेलन में ईरान के भाग लेने का कड़ा विरोध किया था।
इस बीच, सीरिया के मामलों में राष्ट्र संघ और अरब लीग के विशेष दूत अख़ज़र इब्राहीमी ने कहा है कि सीरियाई सरकार और विदेशी समर्थन प्राप्त विपक्षी गुट शनिवार को जेनेवा में होने वाली शांति वार्ता में आमने सामने बैठ कर बातचीत करेंगे।
शुक्रवार को सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने घोषणा की थी कि अगर शनिवार की वार्ता के लिए गंभीर मुद्दों को शामिल नहीं किया गया तो वह वार्ता से हट जाएगा।
सीरिया में पिछले तीन वर्षों से विदेशी समर्थन प्राप्त चरमपंथी एवं आतंकवादी गुटों द्वारा हिंसात्मक एवं छापामार कार्यवाहियों में अब तक एक लाख से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है।
लगभग 20 लाख सीरियाई नागरिकों को अपना घर-बार छोड़कर शरणार्थी के रूप में दूसरे देशों में रहने के लिए विवश होना पड़ा है, जबकि 65 लाख से अधिक नागरिक देश के भीतर शरणार्थियों का जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
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