मासूमा ए क़ुम की महानता मासूमीन (अ) के कथनों से

मासूमा ए क़ुम की महानता मासूमीन (अ) के कथनों से

روی عن القاضی نور اللہ عن الصادق علیہ السلام

ان اللہ حرما و ہو مکہ الا ان رسول اللہ حرما و ہو المدینۃ اٴلا و ان لامیر الموٴمنین علیہ السلام حرما و ہو الکوفہ الا و ان قم الکوفۃ الصغیرۃ اٴلا ان للجنۃ ثمانیہ ابواب ثلاثہ منہا الی قم تقبض فیہا امراٴۃ من ولدی اسمہا فاطمۃ بنت موسی علیہا السلام و تدخل بشفاعتہا شیعتی الجنۃ باجمعہم ۔

इमाम सादिक़ (अ.) के हवाले बयान हुआ है कि आप ने फ़रमायाः ख़ुदावन्दे आलम का एक हरम (sanctuary) है और उसका हरम मक्का है पैग़म्बर (स.) का भी एक हरम है और उनका हरम मदीना है अमीरुल मोमनीन (अ.) का भी एक हरम है और उनका हरम कूफ़ा है।

क़ुम एक छोटे कूफ़े की तरह है जन्नत के आठ दरवाज़ों में से तीन क़ुम की तरफ़ खुलते हैं फिर इमाम (अ.) ने फ़रमायाः मेरी औलाद में से एक ख़ातून जिसकी शहादत क़ुम में होगी और उनका नाम फ़ातिमा बिन्ते मूसा होगा और उनकी शिफ़ाअत से हमारे तमाम शिया जन्नत में दाख़िल हो जाऐंगे (1)

• عن سعد عن الرضا علیہ السلام قال : یا سعد من زارہا فلہ الجنۃ ۔

सअद इमाम रज़ा (अ.) के हवाले से लिखते हैं कि आपने फ़रमाया ऐ सअद जिसने हज़रत मासूमा (स.) की ज़ियारत की उस पर जन्नत वाजिब है।

ثواب الاٴعمال و عیون اخبار الرضا علیہ السلام : عن سعد بن سعد قال : ساٴلت ابا الحسن الرضا علیہ السلام عن فاطمۃ بنت موسی بن جعفر علیہ السلام فقال : من زارہا فلہ الجنۃ

सवाबुल आमाल और उयूने अख़बारुर्रेज़ा में सअद बिन सअद से हदीस मिलती है कि मैंने इमाम रज़ा (अ) से मासूमा (स) के बारे में पूछा तो आपने

फ़रमाया कि हज़रते मासूमा (स.) की ज़ियारत का बदला जन्नत है। (2)

کامل الزیارۃ : عن ابن الرضا علیہما السلام قال: من زار قبر عمتی بقم فلہ الجنۃ

इमाम जवाद (अ.) फ़रमाते हैं कि जिस ने क़ुम में मेरी फ़ुफ़ी की ज़ियारत की उसका बदला जन्नत है। (3)

قال الصادق علیہ السلام من زارہا عارفا بحقہا فلہ الجنۃ

इमाम सादिक़ (अ.) फरमाते हैं कि जिसने मासूमा-ए-क़ुम (स.) की ज़ियारत उनकी शान व मन्ज़िलत की पहचान रखने के बाद की वह जन्नत में जाएगा। (4)

اٴلا ان حرمی و حرم ولدی بعدی قم

इमाम सादिक़ (अ.) फरमाते हैं आगाह हो जाओ कि मेरा और मेरे बेटों का हरम मेरे बाद क़ुम है। (5)

***************************************
(1) बिहारुल अनवार जिल्द 60, पेज 288

(2) कामिलुज़्ज़ियारात पेज 324

(3) कामिलुज़्ज़ियारात पेज 324

(4) बिहारुल अनवार  जिल्द 48, पेज 307

(5) बिहारुल अनवार जिल्द60, पेज216

नई टिप्पणी जोड़ें