इमाम महदी (अ) का बयान आसमानी किताबों में
इमाम महदी (अ) का बयान आसमानी किताबों में
हज़रत दाऊद की ज़बूर की आयत 4, मरमूज़ 94 में है कि आख़री ज़माने में जो इन्साफ़ का मुजस्सेमा इंसान आयेगा, उसके सर पर अब्र साया फ़िगन होगा।
किताब सफ़या -ए- ग़म्बर के फ़सल 3, आयत न. 9 में है कि आख़री जमाने में सारा संसार एकेश्वरवादी हो जायेगा।
किताब ज़बूर मरमूज़ 120 में है, जो आख़ेरुज़्ज़मान आयेगा उस पर आफ़ताब असर अन्दाज़ न होगा।
सहीफ़ -ए- शैया पैग़म्बर के फ़सल 11, में है कि जब नूरे ख़ुदा ज़हूर करेगा तो अदलो इँसाफ़ का डँका बजेगा। शेर और बकरी एक जगह रहेंगें। चीता और बुज़गाला एक साथ चरेगें। शेर और गौसाला एक साथ रहेंगें, गोसाला और मुर्ग़ एक साथ होंगे। शेर और गाय में दोस्ती होगी। तिफ़ले शीर ख़्वार सांप के बिल में हाथ डालेगा और वह नहीं काठेगा । इसी सफहे के फ़सल 27 में है कि यह नूर ज़ाहिर होगा तो तलवार के ज़रिये तमाम दुशमनों से बदला लेगा।
सहीफ़ा -ए- तनजास हरफ़े अलिफ़ में है कि ज़हूर के बाद सारी दुनिया के बुत मिटा दिये जायेंगें। ज़ालिम और मुनाफ़िक़ ख़त्म कर दिये जायेगें। यह ज़हूर करने वाला कनीज़े ख़ुदा (नरजिस) का बेटा होगा।
तौरात के सफ़रे अम्बिया में है कि महदी अलैहिस्सलाम ज़हूर करेंगें। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम आसमान से उतरेंगें, दज्जाल को क़त्ल करेंगें।
इँजील में है कि महदी और ईसा अलैहिस्सलाम दज्जाल और शैतान को क़त्ल करेंगें।
इसी तरह मुकम्मल वाक़िया जिसमें शहादते इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और ज़हूर महदी अलैहिस्सलाम का इशारा है इनजील किताब दानियाल बाब 12, फ़सल9, आयत 24 रोया 2, में मौजूद है।
(किताब अल वसाएल, सफ़ा, 129 तबा बम्बई, 1339 हिजरी
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