पुरुषों की दुनिया की सफ़ल महिलाएं

पुरुषों की दुनिया की सफ़ल महिलाएं

सफल महिला श्रंखला के अन्तर्गत हम ईरान की एक सफल महिला श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद से आपको परिचित करवा रहे हैं।
नैनो भौतिक के क्षेत्र में जिन सफल ईरानी महिलाओं ने उल्लेखनीय प्रगतियां की हैं उनमें से एक आज़म ईरजी ज़ाद हैं। श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद वर्ष 1955 में तेहरान में जन्मीं। उन्होंने सनअती शरीफ़ विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की। इसी प्रकार उन्होंने ब्रिटेन के ससेक्स विश्वविद्यालय से एम.एस.सी. और डाक्ट्रेट की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 1990 में भौतिक विज्ञान के विषय में बेहतरीन नंबरों से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद सनअती शरीफ़ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान संकाय में पढ़ाने में व्यस्त हो गयीं। इससे पहले श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद शिक्षा और प्रशिक्षण मंत्रालय की भागादारी से विज्ञान और गणित के शिक्षा केन्द्र की अध्यक्ष थीं। वह लगभग तीन वर्षों तक सनअती शरीफ़ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान संकाय की प्रमुख और लगभग चार वर्षों तक इसी विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान संकाय की सहयोगी शोधकर्ता रहीं। यह उदाहरणीय महिला, वर्तमान समय में सनअती शरीफ़ विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर और वैज्ञानिक एकेडमी की सदस्य है। इसी प्रकार वह सनअती शरीफ़ विश्वविद्यालय में विज्ञान और नैनो तकनीक शोधकेन्द्र की प्रमुख की ज़िम्मेदारी बहुत अच्छे ढंग से निभा रही हैं।

डाक्टर श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद बहुत से महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। वह पहली महिला हैं जो सनअती शरीफ़ विश्वविद्यालय की संकाय प्रमुख चुनी गयीं। वर्तमान समय में वह विज्ञान और नैनो तकनीक शोधकेन्द्र की आधारशिला रखने वाली और इस केन्द्र की प्रमुख हैं। उन्होंने वर्ष 2005 से अब तक नैनो तकनीक के क्षेत्र में बहुत से छात्रों को डाक्ट्रेट के स्तर तक शिक्षा दी है। श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद, राष्ट्रीय स्तर पर ईरान के भौतिक विज्ञान संघ, नैनो तकनीक संघ, विज्ञान व इंजीनियरिंग संघ और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रिटेन और अमरीका के भौतिक विज्ञान संघ की सदस्य, तीसरी दुनिया की महिला वैज्ञानिक संघ और इसी प्रकार मुसलमान वैज्ञानिक संघ की भी सदस्य हैं। वह विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमीनारों की आयोजक और आलेखों की जज भी रहीं हैं।

श्रीमती डाक्टर ईरजी कार्यकारी कार्यों और शोध के अतिरिक्त बीएससी, एमएससी और डाक्ट्रेट स्तर पर भौतिक विज्ञान के महत्त्वपूर्ण विषयों को पढ़ाने में भी व्यस्त हैं। वे भूतल भौतिकी, पतली परतों की भौतिकी, सौर कोशिकाओं और गैस सेंसर के क्षेत्रों में विभिन्न शोध कर रही हैं।

श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद के प्रयासों और उनकी सेवाओं का सम्मान करने के लिए उनको विभिन्न पदकों और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 में "नैनो तकनीक समारोह" शीर्षक के अंतर्गत आयोजित समारोह में उन्हें शीर्ष शोधकर्ता के रूप में चुना गया। वह इससे एक वर्ष पूर्व भी नैनो तकनीक की शीर्ष शोधकर्ता के रूप में सम्मानित की गयीं थीं। इसके अतिरिक्त श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद वर्ष 2006 और 2007 में सनअती शरीफ़ विश्वविद्यालय की उदाहरणीय शोधकर्ता के रूप में चुनीं गयीं। वर्ष 2006 में यह सफल ईरानी महिला नैनो तकनीक के क्षेत्र में शीर्ष शोधकर्ताओं में चौथे नंबर पर थीं। देश की उदाहरणीय प्रोफ़ेसर और पहली शोधकर्ता की उपाधि, इस उदाहरणीय महिला की दूसरी सफलता रही। उन्होंने इसी प्रकार संसार के समक्ष बहुत सी पुस्तकें और रचनाएं प्रस्तुत की हैं। विश्व की मान्यता प्राप्त पत्रिकाओं में उनके सौ से अधिक आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त उनके निरीक्षण में 38 वैज्ञानिक परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।

जब श्रीमती आज़म ईरजी ज़ाद से यह पूछा गया कि वह घर के कामों और बाहर के कामों में किस प्रकार संतुलन बनाती हैं तो उन्होंने कहा कि यद्यपि घर के काम और बाहर के काम दोनों का प्रबंधन करना सरल नहीं है किन्तु मैंने अपने जीवन में समय का सही ढंग से प्रयोग करके अधिक से अधिक अपने कार्यों और मातृत्व के दायित्व को पूरा करने का प्रयास किया। मैंने अपने पति की भागीदारी से अपनी संतानों के प्रशिक्षण के भी मुख्य दायित्व का निर्वाह करने का प्रयास किया। अलबत्ता चूंकि मेरे बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते थे इसीलिए हमें घर में उनके प्रशिक्षण की कोई अधिक आवश्यकता नहीं पड़ी। मैं स्वयं बच्चों के प्रशिक्षण के अधिकांश मामलों को देखती हूं। वर्तमान समय में मेरी दो बेटियां हैं और दोनों ही पढ़ रही हैं। मेरी बड़ी बेटी 30 वर्ष की है जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग में पी.एच.डी. कर रही है। उसका विवाह हो चुका है और उसके पति भी पी.एच.डी. कर रहे हैं। मेरी दूसरी बेटी 26 वर्ष की है जो चिकित्सा विज्ञान में स्नातक है। सौभाग्य की बात यह है कि मेरे बच्चे ज्ञान, नैतिक मूल्यों और सदगुणों से सुसज्जित हैं और इसीलिए मैं उनपर गर्व करती हूं।

शांत जीवन और समस्त समस्याओं में साथ देने वाले कृपायु पति का साथ, इस ईरानी महिला की सफलता के श्रेय हैं। डाक्टर ईरजी ज़ाद के पति बेहतरीन जीवन साथी और विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर हैं। श्रीमती डाक्टर ईरजी ज़ाद इस बारे में इस प्रकार कहती हैं, मुझे बहुत ही आराम था क्योंकि मेरे पति अपना काम स्वयं करते थे, हम एक साथ पढ़ते थे और घर के काम को आपस में विभाजित कर लेते थे। वर्तमान समय में भी मैं उनकी सहायता से घर के काम करती हूं।

जब डाक्टर ईरजी ज़ाद से यह पूछा गया कि महिला को समाज में उपस्थिति और गतिविधियों के लिए किन विशेषताओं से संपन्न होना चाहिए तो उन्होंने कहा कि महिलाओं में पूर्ण आत्मविश्वास होना चाहिए। आरंभ में वे अपनी क्षमताओं और योग्यताओं को पहचानें और दूसरे चरण में समाज को पहचानें फिर दोनों की आवश्यकताओं को इस प्रकार से एक दूसरे से मिलाने का प्रयास करें कि वे बहुत सरलता से गतिविधियां अंजाम दे सकें। इस संबंध में हेजाब या इस्लामी आवरण जैसी महत्त्वपूर्ण चीज़ का अर्थ समझ में आता है। यदि हम चाहते हैं कि अपनी गतिविधियां अंजाम देने में मुख्य रूप से लैंगिक मामले को न प्रस्तुत करें और शांत एवं सुरक्षित वातावरण में कार्य करें तो, हमें उस सीमा के भीतर रहना चाहिए जिसे धर्म ने निर्धारित किया है और यह वही इस्लामी हेजाब है। लोगों को अपने भीतरी व्यक्तित्व और बाहरी पहचान के महत्त्व को समझना और सम्मान देना चाहिए ताकि दूसरे लोग भी उसके व्यक्तित्व और चरित्र के महत्त्व को समझें। यदि महिला अपने बाह्य रूप से समाज में इस प्रकार व्यवहार करे कि दूसरे केवल उसके विदित रूप को देखकर ही उसके बारे में कोई निर्णय करें तो ऐसी स्थिति में लोग उसे एक मनुष्य होने का महत्त्व नहीं देंगे। शालीन यह है कि महिला को केवल अपने विचारों और मानवीय मूल्यों के साथ समाज में उपस्थित होना चाहिए। दूसरा बिन्दु इस बात को दृष्टि में रखना है कि मातृत्व और पत्नी की ज़िम्मेदारी दूसरी ज़िम्मेदारियों से न टकराए। अलबत्ता यह कोई साधारण कार्य नहीं है। यदि जीवन उद्देश्यपूर्ण न हो तो इनमें से एक, दूसरे की बलि चढ़ जाएगा। एक महिला की समस्त जिम्मेदारियों को संतुलित होना चाहिए।

डाक्टर ईरजी ज़ाद ईश्वर का आभार व्यक्त करती हैं कि ईरान के विश्वविद्यालय और यहां का शिक्षित समाज, उनकी और उनकी जैसी अन्य महिलाओं के प्रयासों की सराहना करता है। वह इस बात पर प्रसन्न हैं कि वह अपनी गतिविधियों के परिणाम को राष्ट्रीय उत्पादों, छात्रों की प्रशिक्षण उपलब्धियों और राष्ट्रीय गौरव में देख रही हैं। 

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