ऊँट की शिकायत
ऊँट की शिकायत
हज़रत इमाम सादिक़ (अ) फ़रमाते है कि एक दिन रसूल (स) बैठे थे। कि एक ऊँट आकर आपके सामने बैठ गया। और अपना सिर आपके पैरों पर रख दिया।
उमर ने कहा। कि क्या यह आपको सज्दा कर रहा है? तो फिर हमारा भी यह हक़ है कि हम आपको सजदा करे ।
आपने कहा: ऊँट सजदा नहीं कर रहा है। यह शिकायत कर रहा है। अगर मेरी शरीअत मे किसी दूसरे ख़ुदा का सजदा जाएज़ होता तो फिर मै बीवी को आदेश देता कि वह अपने पति का सजदा करे।
आपने (स) पूछा। यह ऊँट किसका है?
आपको बताया गया कि किसी अन्सारी का है।
आपने उस अन्सारी को बुलाया। और कहा कि यह ऊँट शिकायत कर रहा है और कह रहा है कि जब मै जवान और ताक़तवर था।
तो यह लोग मुझ से सामान उठवाते थे। और जब मै बूढ़ा हो गया हूँ तो यह मुझे नहर (ज़ब्ह) करना चाहते है। क्या यह सच है ?
अन्सारी ने कहा हाँ सच है।
फिर आपने ने कहा: कि मै कहता हूँ कि इसे नहर ना करो और आज़ाद कर दो।
अन्सारी ने उसे आज़ाद कर दिया। और पूरे मदीने मे वह ऊँट एक एक घर जाता था। औरते ख़ुश होकर उसे खाना देती थीं और कहती थीं कि इसे रसूल ने आज़ाद किया है।
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