व्यवहार के प्रकार
व्यवहार के प्रकार
दिखावे का अख़लाक़ (दुनियावी फ़ायदे हासिल करने के लिए)
मुख़लेसाना अखलाक़ (जो दिल की गहराईयों से होता है)
पहली क़िस्म का अख़लाक यूरोप में पाया जाता है जैसे वह लोग हवाई जहाज़ में अपने गाहकों को खुश करने के लिए उनसे बहुत मुहब्बत के साथ पेश आते हैं, क्योंकि यह काम आमदनी का ज़रिया है। वह जानते हैं कि अच्छा व्यवहार गाहकों को प्रभावित करता है।
दूसरी क़िस्म का अख़लाक़ मोमिन का गुण है। जब हम कहते हैं कि मोमिन का अखलाक बहुत अच्छा है तो इसका अर्थ यह है कि मोमिन संसारिक लाभ प्राप्त करने के लिए नहीं बल्कि आपस में मेल मुहब्बत बढ़ाने के लिए अख़लाक़ के साथ पेश आता है। क़ुरआने करीम में हकीम लुक़मान के क़िस्से में उनकी नसीहतों के अंतरगत बयान हुआ है “व ला तुसाअइर ख़द्दका लिन्नासि व ला तमशि फ़िल अरज़े मरहन...”[2] “तुसाअइर” का माद्दा “सअर” है और यह एक बीमारी है जो ऊँटों में पाई जाती है। इस बीमारी के कारण से ऊँटो की गर्दन दाहिनी या बाईँ तरफ़ मुड़ जाती है। आयत फ़रमा रही है कि गर्दन मुड़े बीमार ऊँट की तरह न रहो और लोगों की तरफ़ से अपने चेहरे को न मोड़ो। इस ताबीर से मालूम होता है कि बुरा व्यवहार वाले लोग एक प्रकार की बीमारी में ग्रस्त हैं। आयत के आख़िर में बयान हुआ है कि तकब्बुर के साथ राह न चलो।
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