ईरानी राष्ट्रपति ने कहाः पश्चिमी देश, इस्लामोफ़ोबिया फैलाते हैं।

डाक्टर रूहानी ने पश्चिमी की इस्लामोफ़ोबिया फैलाने की नीति की कड़ी आलोचना की है।


इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने मंगलवार की रात ख़ूज़िस्तान प्रांत के अहवाज़ शहर में विद्वानों व बुद्धिजीवियों की एक सभा को संबोधित करते हुए इस्लाम के ख़िलाफ़ पश्चिम की गतिविधियों की व्याख्या करते हुए कहा कि पश्चिम, दुनिया में इस्लामोफ़ोबिया के प्रचार के साथ ईरानोफ़ोबिया फैलाने की भी कोशिश करता है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम ने हालिया वर्षों में इस्लाम को हिंसा का प्रतीक और मुसलमान नौजवानों को हिंसा, आतंकवाद और चरमपंथ के समर्थक दर्शाने की कोशिश की है।

डाक्टर रूहानी ने कहा कि पश्चिम ऐसी हालत में इस्लाम को हिंसा और चरमपंथ का समर्थक दर्शाने की कोशिश करता है जब वह ख़ुद अपने गुप्तचर संगठनों की मदद से हिंसा और चरमपंथ को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के संबंध में पश्चिम के हो-हल्ले का लक्ष्य भी इस्लामोफ़ोबिया फैलाना है। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिम दुनियावालों को यह समझाना चाहता है कि ईरान परमाणु बम बनाने के विचार में है जबकि उसे भलिभांति यह पता है कि ईरान ने कभी भी एटम बम बनाने की कोशिश नहीं की।

डाक्टर रूहानी ने कहा कि यह जानते हुए भी कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है, पश्चिमी जगत इसके ख़िलाफ़ दुष्प्रचार करता है।

उन्होंने विश्व को हिंसा और चरमपंथ से पाक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के प्रस्ताव के स्वीकार किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ में इतने ठोस तरीक़े से पेश किया गया कि ईरान के सबसे बड़े दुश्मन भी इसका विरोध न कर सके

नई टिप्पणी जोड़ें