सऊदी अरब की शिया दुश्मनी पर "संडे इंडिपेंडेंट" की रिपोर्ट
समाचार पत्र "संडे इंडिपेंडेंट 'से प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक और पत्रकार ने लिखा: फारस की खाड़ी में अरब देशों के सत्ताधारी मुस्लिम दुनिया में जनजातीय युद्ध की नींव रख रहे हैं।
पैट्रिक काकबर्न इग्लिश समाचार पत्र "संडे इंडिपेंडेंट के मध्य पूर्व एशिया के लेखक ने अपनी रिपोर्द में लिखा हैः फ़ारस की खाड़ी के अरब देशों के सत्ताधारी प्रचारकों और अधिवक्ताओं की जो यूट्यूब पर नफ़रत को फैला रहे हैं, समर्थन करते हैं।
इस लेखक ने लिखाः सऊदी अरब और उसके सहयोगियों उन प्रचारों और विज्ञापनों का समर्थन करते हैं जो शिया और सुन्नियों के बीच साम्प्रदायिक जंग को बढ़ावा देते हैं।
उसने स्पष्ट कियाः सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त इस देश या दूसरे फ़ारस की खाड़ी के देशों में रहने वाले धर्मगुरू और शेख़ जो शियों के विरुद्ध प्रचार करते हैं वह पूरी इस्लामी दुनिया में साम्प्रदायिक जंग के लिए भूमिका है।
पैट्रिक ने सीरिया और इराक़ में हिंसा की तरफ़ इशारा करते हुए कहाः यह दोनों देश अब तक की सबसे बड़ी हिंसा के गवाह हैं और इराक़ में इस महीने में मारे जाने वाले 766 लोगों में से शिया श्रद्धालु थे। यह श्रद्धालु दाइश के आतंकी हमलों और धमाकों में मारे गए हैं।
"संडे इंडिपेंडेंट ' ने लिखा सैटेलाइट टेलीविजन नेटवर्क और इंटरनेट साइट्स और यूट्युब और ट्वीटर पर डाली जाने वाली सामग्री जो कि फ़ारस की खाड़ी के अरब देशों में तैयार की जाती है या वहां से उनको वित्तीय सहायता मिलती है, सांप्रदायिक नफरत को मुस्लिम दुनिया में जैसे लीबिया, ट्यूनिशिया, मिस्र और मलेशिया का केन्द्र है, वह देश जहां शिया अल्पसंख्यक हैं।
पैट्रिक ने इराक़ मे होने वाली हिंसा में नमूने के तौर पर एक इराक़ी टीचर की हत्या की तरफ़ इशारा किया और कहाः एक चरमपंथी गुट ने बिनग़ाज़ी शहर में जो कि पूर्वी लीबिया का मुख्य शहर है एक क्लिप इन्टरनेट पर जारी की जिसमें एर इराक़ी टीचर की हत्या करते हुए दिखाया गया है और ऐसा लगता है कि वह शिया है।
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