इस्मत अहले बैत अलैहिमुस्सलाम
इस्मत अहले बैत अलैहिमुस्सलाम
बियों के मासूम होने की जरूरत तो समझ में आती है क्योंकि उन्होंने वही भगवान और व्यवस्था को मनुष्योंके बीच में पहचाना है इसलिए अगर वह मासूम न हुए तो सही संदेश मनुष्यों के बीच तक नहीं पहुंच सकेगा जिसके नतीजे में मकसद वही (हिदायत) समाप्त हो जायेगा तो नबियों का मासूम होना समझ में आता है और स्वीकार्य है मगर सवाल यह है कि खत्म नबूवत के बाद इमामों का मासूम होना क्यों आवश्यक है?
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