तकफ़ीरी वहाबियों ने हाल ही में शिया हुए सूफ़ी का सर काटा!
कराची पुलिस ने शहीद सलीम रज़ा क़ाएम ख़ानी की लाश को शुक्रवार के दिन इस अवस्था में उनके घर से बरामद किया कि उनका सर धड़ से अलग था।
टीवी शिया अबना से प्राप्त समाचार के अनुसार पाकिस्तान के शहर कराची में गुरुवार के दिन नौसेना के एक रिटायर्ड फ़ौजी जो कुछ दिन पहले शिया हुए थे का तकफ़ीरी वहाबियों ने सर काट दिया।
कराची पुलिस ने शहीद सलीम रज़ा क़ाएम ख़ानी की लाश को शुक्रवार के दिन इस अवस्था में उनके घर से बरामद किया कि उनका सर धड़ से अलग था।
इस रिपोर्ट के अनुसार नये नये शिया हुए इस मोमिन की लाश के पास से एक पर्चा मिला जिस पर लिखा हुआ था कि "यह कार्यवाही रावलपिंडी की घटना का इन्तेक़ाम है"।
स्थानीय पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों ने पहले सलीम रज़ा ख़ानी को शहीद किया फिर उनके सर को काट कर पुल पर लटका दिया।
शहीद सलीम रज़ा ख़ानी शिया होने से पहले सूफ़ी सम्प्रदाय के मानने वाले थे। वह रसूल (स) के परिवार (अहलेबैत) से बहुत मोहब्बत करते थे और उन्होंने अपने घर पर "या हुसैन" और "या अब्बास" नामों के झंडे लगा रखे थे तो तकफ़ीरी वहाबियों को बर्दाश्त नहीं हुए।
चालीस साल के सलीम रज़ा नौसेना के रिटायर्ड फ़ौजी थे जो अपने घर में एकाकी जीवन व्यतीत कर रहे थे और इलाक़े में उनको एक धार्मिक और मोमिन इन्सान के तौर पर देखा जाता था।
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