अब तुर्की में भी शिया विरोधी मुहिम आरम्भ
तुर्की के आग़दर शहर के मुफ़्ती जोनिट कोलाज़ ने एक दरख़ास्त में इस शहर के डी.एम से मांग की है कि इस शहर में रहने वाले जाफ़री शियों पर नज़र रखी जाए।
टीवी शिया अलयौम अलसाबे से प्राप्त समाचार के अनुसार, उसने अपनी दरख़ास्त में दावा किया है कि शिया एक अलगाववादी समूह है और यह राष्ट्रीय एकता के विरोधी है और यह मस्जिद भी नहीं जाते हैं।
इस दरख़ास्त का शियों और मस्जिदों के इमामों ने विरोध किया है, और आलुलबैत कमेटी के प्रमुख ने इस मुफ़्ती के इस्तिफ़े की मांग की है क्योंकि इस मुफ़्ती शियों को अलगाववादी समूह ठहराने का प्रयत्न कर रहा है।
आलुलबैत कमेटी के प्रमुख ने तुर्की के राडिकल समाचार पत्र से बातचीत करते हुए कहाः शिया और सुन्नी दोनों सदैव से भाई भाई की तरह जीते आ रहे हैं और वह अपने भाईयों की बीच मतभेद नहीं करते हैं।
स्पष्ट रहे कि रजब तैय्यब उरदुग़ान तुर्की के पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने 2011 के आशूरा के जुलूस में समिलित हुए थे और मुसलमानों के बीच के मतभेदों के दूर करने की मांग की थी।
तुर्की की 75 करोड़ की आबादी में से अलवी और जाफ़री शियों की 10 से 15 प्रतिशत की आबादी है।
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