पड़ोस की सीमा

पड़ोस की सीमा

इमाम सादिक़ (अ) ने फ़रमायाः

एक अंसारी हज़रत रसूले ख़ुदा (स) के पास आया और कहने लगाः

मैंने फ़लां महल्ले में मकान ख़रीदा है मेरा पड़ोसी ऐसा है कि मुझे उससे नेकी की आशा नहीं है और मैं उसकी बुराई से सुरक्षित नहीं हूँ।

रसूले इस्लाम (स) ने हज़रत अली (अ) हज़रत सलमान मिक़दाद अबूज़र को आदेश दिया कि वह मस्जिद में उच्च ध्वनि में यह एलान करें:

لا ایمان لمن یا من جوارہ بوائقہ

जिसके क्रोध से उसका पड़ोसी सुरक्षित ना हो वह मोमिन नहीं है।

फिर पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने फ़रमायाः

पड़ोस की सीमा चालीस घर तक है । यानी चालीस घर सामने के चालीस घर पीछे के, चालीस घर दाएं और चालीस घर बाएं तक पड़ोस की सीमा है।

(बिहारुल अनवार जिल्द 16 पेज 43 पंदे तारीख़ से लिया गया पेज 48)

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