सऊदी ख़ानदान में विद्रोह की आशंका

टीवी शिया अबना से प्राप्त समाचार के अनुसार फ़िलिस्तीनी अख़बार की ख़बर से पता चला है कि आले सऊद ख़ानदान में सत्ता पर क़ब्ज़े को लेकर बग़ावत की पूरी सम्बावना है, पश्चिमी राजनयिक और इंटेलीजेंस क्षेत्रों के लिये यह बग़ावत असम्भावित न होगी।


इन्टरनेशनल उर्दू न्यूज़ एजेंसी न्यूज़ नूर नें अबना के हवाले से ख़बर दी है कि अलक़ुद्स से प्रकाशित होने वाले अख़बार अलमिनार नें सऊदी अरब में अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सऊदी ख़ानदान के अन्दर बग़ावत की पूरी सम्भावनाएं देखने को मिल रही हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार सऊदी ख़ानदान के क़रीबी सूत्रों नें कहा है कि बादशाही ख़ानदान में इस स्थिति का पश्चिमी और राजनयिक क्षेत्रों के लिये असम्भावित न होगा क्योंकि यह लोग इससे पहले ही सऊदी ख़ानदान की दूसरी नस्ल के शहज़ादों के बीच मतभेद होने की बात कर चुके हैं और उन्होंने इस बात पुष्टि की है कि इस खींचतान में शामिल शहज़ादों में कुछ बहुत ज़्यादा शक्तिशाली हैं और उनके पास बहुत से अधिकार भी हैं।

इन सूत्रों नें यह सम्भावना भी जताई कि इस समय सत्ता की लड़ाई में शामिल सऊदी धड़े आपस में एक हो जाएं और दरबार के पुराने लोगों, पदाधिकारियों और यहाँ तक कि बीमार बादशाह और बीमार उत्तराधिकारी को सत्ता की कुर्सी से उतार कर उन्हें सरकार से बेदख़ल कर दें और उसके बाद ख़ुद सत्ता की कुर्सी पर बैठ जाएं।

इस साल जून में भी एक अमरीकी विश्लेषक सय्यद अली वासिफ़ नें प्रेस टीवी के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि आले सऊद के आन्तरिक मतभेद बहुत गंभीर हैं और सऊदी सिक्योरिटी एजेंसियों नें एक बग़ावत को असफल बनाया है जिसके बाद पूर्व उप रक्षामंत्री ख़ालिद बिन सुल्तान को नज़रबंद किया गया था जिन्हों बाद में उसके पद से हटा दिया गया और यह कि इस बग़ावत में कुछ शहज़ादे मिले हुए थे जो सत्ता को नौजवान नस्ल की तरफ़ हस्तांतरित करना चाहते हैं।

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