सीरिया में रासायनिक हमले के पीछे सऊदी अरब का हाथ

टीवी शिया अलआलम से प्राप्त समाचार के अनुसार "रूसिया अलयौम" की वेबसाइट ने एक रूसी सूत्र के हवाले से रिपोर्ट दी हैः विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होने वाली जानकारी से पता चलता है कि सऊदी अरब से चले एक गुट ने जॉर्डेन के रास्ते से सीरिया में प्रवेश किया था और "लवाउल इस्लाम" नाम से गतिविधिया अंजाम देता था और उसी गुट ने यह कार्य किया है।


एक दूसरे स्रोत ने बतायाः 21 अगस्त को पूर्वी ग़ोता में रासायनिक हमला और उसके बाद की घटनाओं ने सीरियाई समाज में एक प्रकार का तनाव पैदा कर दिया और जो विभिन्न प्रकार के राजनीतिक व्याख्याओं और विश्लेषणों का कारण बना।

उसने आगे कहाः इसलिए विभिन्न विचारधाराओं के दलों ने राजनीतिक स्तर पर यह कोशिश की ताकि इस अपराध के वास्तविक अपराधियों को संयुक्त राष्ट्र के सामने प्रस्तुत कर सके।

रूसी अधिकारियों ने कई बार कहा है कि 21 अगस्त को रीफे दमिश्क़ में रासायनिक हमला एक तनाव फैलाने वाला कार्य था जिसको सीरियाई सरकार के विरोधियों ने अंजाम दिया था।

रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने अभी जल्दी ही यह कहा थाः संयुक्त राष्ट्र के शोधकर्ताओं को हर स्थान की छानबीन करनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहाः मास्कों के अनुसार सीरियाई सरकार के हथियारबंद विरोधियों ने "ख़ानुलअसल" में रासायनिक हमला किया है, और रूसी शोधकर्ताओं ने शोध के बाद इसको सही बताया है।

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