बहुसंख्यक शियों को कम करने के लिए 50 हज़ार मिस्रियों को बहरीन की नागरिकता
शियों की बहुसंख्या वाले बहरीन में जंन संख्या समीकरों के बदलने और शियों को कमज़ोर करने के लिए इससे पहले भी पाकिस्तानी, जार्डेन, फ़िलिस्तीनी और दूसरे देशों के नागरिकों को नागरिकता दी गई है, वह शिया जो अपने उन अधिकारों के पाने के लिए हर दिन अपने ही देश में अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए मारे जा रहे हैं जिनको आले ख़लीफ़ा सरकार मान ही नहीं रही है।
टीवी शिया, शिया न्यूज़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार मिस्र की सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ अधिकारियों ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है कि बहरीन के बादशाह "अहमद बिन ईसा आले ख़लीफ़ा" ने अपनी हाल की मिस्र की यात्रा में "अलदी मंसूर" को प्रस्ताव दिया है जिसके अनुसार 50 हज़ार मिस्री नागरिकों को वहां की नागरिकता और सुरक्षा बलों के रूप में उनको प्रयोग करने की बात कही गई है।
इस ख़बर का असर यह हुआ है कि जैसे ही मिस्र की सेना और पुलिस के लोगों ने बहरीनी नागरिकता और भारी भरकम सैलरी देखी उसका स्वागत किया है। मिस्र के अंतरिम राष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री "अलसीसी" से कहा है कि यह प्रोग्राम केवल सुरक्षा बलों के लिए है।
शियों की बहुसंख्या वाले बहरीन में जंन संख्या समीकरों के बदलने और शियों को कमज़ोर करने के लिए इससे पहले भी पाकिस्तानी, जार्डेन, फ़िलिस्तीनी और दूसरे देशों के नागरिकों को नागरिकता दी गई है, वह शिया जो अपने उन अधिकारों के पाने के लिए हर दिन अपने ही देश में अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए मारे जा रहे हैं जिनको आले ख़लीफ़ा सरकार मान ही नहीं रही है।
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