ग़रीब शिया जवानों को शियों के विरुद्ध ही इस्तेमाल कर रहे हैं तकफ़ीरी वहाबी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तकफ़ीरी आतंकियों की कुछ घटनाएं उन्हीं लोगों के द्वारा अंजाम दी जाती हैं, जिनको बहुत सारा पैसा दिए जाने का वादा किया गया होता है और यह लोग पैसे के लिए किसी भी प्रकार का अपराध अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं और अपने भाई, बहनों का ख़ून बहा सकते हैं। यह शियों को समाप्त करने के लिए एक भयानक साज़िश हैं जो उनकों अंदर से तबाह कर रही है।
टीवी शिया, शिया न्यूज़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार , तकफ़ीरी आतंकी गुट दक्षिणी इराक़ के ग़रीब शिया परिवारों का दुरूपयोग कर रहे हैं और उनको अपने गुट में समिलित कर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तकफ़ीरी आतंकियों की कुछ घटनाएं उन्हीं लोगों के द्वारा अंजाम दी जाती हैं, जिनको बहुत सारा पैसा दिए जाने का वादा किया गया होता है और यह लोग पैसे के लिए किसी भी प्रकार का अपराध अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं और अपने भाई और बहनों का ख़ून बहा सकते हैं। यह शियों को समाप्त करने के लिए एक भयानक साज़िश हैं जो उनकों अंदर से तबाह करने के लिए की जा रही है। क्योंकि जब यह आतंकि ख़ुद शियों के बीच के ही होंगे तो उसका अर्थ यह होगा कि वह शिया परिवारों के क़रीबी होंगे और इस प्रकार वह किसी भी घटना को आसानी से अंजाम दे सकेंगे।
इस साज़िश की जड़ 70 और 80 के दशक में नाइफ़ बिना अब्दुल अज़ीज़ के ज़माने में मिलती हैं, सऊदी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बंदर बिन सुल्तान ने उसकी इस सोंच के आगे बढ़ाया है और इस समय सऊदी की सहायता से ग़रीब शिया जावानों को मिलाया जा रहा है ताकि उनको ख़ुद शियों के विरुद्ध एक मोहरे के तौर पर प्रयोग किया जा सके।
सऊदी की बादशाही सरकार का अपने आरम्भ से ही केवल एक मक़सद रहा है और वह है सच्चे शिया मज़हब और उसके मानने वालों के समाप्त करना, और इसी मक़सद के लिए कभी शियों के क़त्ल का फ़तवा दिया जाता है तो कभी कत्ल किया जाता है और कभी....
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