बहरीन की ख़लीफ़ाई सरकार का भयानक चेहरा

अंतरराष्ट्रीय क्षमा आयोग (एमनेस्टी इंटरनेशनल) ने बहरीन में सक्रिय शिया लोगों को क़ैद किए जाने की निंदा की है और उसको एक भयानक कार्य बताया है।


एमनेस्टी इंटरनेशनल की मध्य पूर्व एशिया और उत्तरी अफ्रीका की शाख़ा के प्रमुख फिलिप लूथर ने 30 सितम्बर को कहाः न्याय के नाम पर बहरीन में जो किया जा रहा है वह बहुत भयानक है, अधिकारी किसी भी आरोपी पर अतंकवादी के लेबल लगा देते हैं और उसको क़बूल कराने के लिए टार्चर का प्रयोग करते हैं।

रविवार के दिन एक अदालत ने 50 शियों और एक प्रसिद्ध इरीक़ी मौलवी को 14 फ़रवरी क्रांति यूथ गठबंधन के गठन के आरोप में 15 साल की जेल की सज़ा सुनाई है।

लूथर ने कहाः टार्चर के बाद आरोप स्वीकार किए जाने की जो बात कही जा रही है उसके बारे में छानबीन की जानी चाहिए और जिन लोगों ने यह कार्य किया है उनको सज़ा मिलनी चाहिए।

इस अदालत ने 16 आरोपियों को 15 साल की जेल चार लोगों को 10 साल की जेल और दूसरे 30 लोगों को पाँच साल की सज़ा सुनाई है।

बहरीन के अधिकारी ख़लीफ़ाई सरकार के विरोधी इस गठबंधन पर आतंकी होने का आरोप लगा रहे हैं।

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