शैतान की नसीहतें

शैतान की नसीहतें

जब हज़रत नूह (अ) तूफ़ान के बाद अपनी कश्ती ने नीचे उतरे तो उनके पास शैतान आया, और कहने लगा कि इस धरती पर सबसे अधिक एहसान और उपकार आपने मेरे ऊपर किया है क्योंकि आपने उन पापियों और कुकर्मियों के लिए बद दुआ करके मुझे उन्हें गुमराह और भटकाने की मेहनत से बचा लिया इसलिए मैं इस उपकार का बदला चुकाने के लिए आपको कुछ बातें सिखाता बताता हूँ।

1. कभी घमंड ना करना क्योंकि यही घमंड और अहंकार है जिसके कारण मैं ने आदम (अ) को सजदा नहीं किया और मुझे जन्नत से निकाल दिया गया।

2. कभी लालच ना करना क्योंकि पूरी जन्नत और उसकी नेमतें आदम के लिए हलाल थी वह किसी भी चीज़ का प्रयोग कर सकते थे उन्हे केवल एक पेड़ के फल से रोका गया था लेकिन बुरा हो उस लालच का जिसने उन्हे उस फल को खाने पर मजबूर कर दिया।

3. कभी हसद और जलन ना करना क्योंकि इसी बुरे गुण ने आदम (अ) के बेटों को आपने भाई का हत्यारा बना दिया।

इन बातों के बाद हज़रत नूह (अ) ने उससे पूछा अच्छा यह बताओ किस समय तुम किसी इन्सान पर अधिक कंट्रोंल कर सकते हो और उसको बहका सकते हो?

उसने कहाः जब कोई क्रोधित हो।

मीज़ानुह हिकमा जिल्द 5 पेज 94 इबलीस नामा से लिया गया

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