हज़रते मूसा (अ) से शैतान की मुलाक़ात
हज़रते मूसा (अ) से शैतान की मुलाक़ात
एक दिन हज़रत मूसा (अ) बैठे हुए थे कि रंग बिरंगी (जो वासना, दुनिया की चाहत, भ्रष्ट अक़ीदों और पथ से भटके हुए धर्मों की निशानी थी) ऊँची टोपी पहने शैतान प्रकट हुआ, और आपके पास आया, आपके पास आने के बाद उसने अपनी टोपी उतार दी और सलाम किया।
हज़रत मूसा (अ) ने प्रश्न कियाः तुम कौन हो ?
उसने उत्तर दियाः मै शैतान हूँ।
हज़रत मूसा (अ) ने कहाः तू शैतान है? ख़ुदा तुझे बरबाद करे। तू यहां क्यों आया है?
शैतान ने कहाः ख़ुदा के सामने आपका जो स्थान और सम्मान है उसी ख़ातिर आपका सम्मान करने आया हूँ।
हज़रत मूसा (अ) ने पूछाः यह टोपी कैसी है?
शैतान ने कहाः मैं इस टोपी से आदमी का दिल जीत लेता हूँ।
हज़रत मूसा (अ) ने प्रश्न कियाः तू किस गुनाह के करने से आदमी पर कंट्रोल कर लेता है?
शैतान ने कहाः जब आदमी अपने आप से राज़ी हो जाए, स्वंय को पसंद करे और संतुष्ट हो जाए और अच्छे कार्यों को आधिक और बुराईयों को कम मसझने लगे।
(उसूले काफ़ी जिल्द 4 पेज 429 अध्याय ख़ुद पसंदी)
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