इमामे ज़माना (अ) की हुकूमत की विशेषताएँ
इमामे ज़माना (अ) की हुकूमत की विशेषताएँ
किसी भी चीज़ के बारे में जानकारी का ना होना कारण बनता है कि इन्सान उसके बारे में छानबीन न करे, जब तक किसी को यह न पता हो कि फ़लां दवा या फ़लां खाने का क्या लाभ है तब तक वह उसको प्रयोग नहीं करता है।
इसी प्रकार अगर हमको यह न पता हो कि जब इमामे ज़माना (अ) का ज़ोहूर होगा और पूरे विश्व पर उसकी सत्ता होगी तो हमको उसका क्या लाभ होगा तो हम उसके बारे में कभी भी बात नहीं करेंगे।
लेकिन अगर हमको पता हो कि इमाम की हुकूमत में हमारी दुनिया भी आबाद होगी और आख़ेरत भी, हमको इस दुनिया में भी लाभ होगा और आख़ेरत में भी तो हम इस मसले पर ध्यान देंगे और उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे।
इसी को देखते हुए आज हम अपने पाठकों के सामने इमाम ज़माना (अ) की हुकूमत की कुछ विशेषताएँ पेश करेंगे, लेकिन इससे पहले यह बता देना आवश्यक है कि वास्तव में इमाम की हुकूमत कितनी उच्च कोटि की होगी हम इसके बारे में सोंच भी नहीं सकते हैं हम तो यहां पर केवल उन चीज़ों को प्रस्तुत कर रहे हैं जो इस्लामी रिवायतों में आई हैं और बस।
1. दुनिया पर ख़ुदाई इन्सान की हुकूमत होगी।
वह इन्सान जो किसी पर भी ज़ुल्म नहीं करेगा किसी पर भी अत्याचार नहीं होगा, दुनिया ऐसी ही होगी मानों जन्नत, और इसका छोटा सा नज़ारा उन लोगों ने देखा है जो हज़रत सुलैमान नबी (अ) की हुकूमत में जीवन व्यतीत कर रहे थे, लेकिन इमाम की हुकूमत उनसे भी बेहतर होगी।
ऐसा नहीं है कि यह केवल इमाम ज़माना (अ) के हाथों ही होना है, इमाम अली (अ) को भी अगर उनकी हुकूमत में इतना समय दिया जाता तो उस समय भी दुनिया जन्नत बन जाती लेकिन विरोधियों ने ऐसा होने ना दिया हमेशा कोई ना कोई जंग चलती रही, लेकिन इमामे ज़माना (अ) की हुकूमत में कोई भी ऐसा नहीं कर पाएगा।
2. सत्ताधारी ज्ञानी होगा।
अगर आप इधर कुछ सालों में देखें तो कितनी सोंचें आई और चली गई सबने यही कहा कि अगर इस दुनिया से समस्याओं को समाप्त करना है तो इस फ़ार्मूले पर अमल करों यह क़ानून बनाओ, लेकिन फिर सारी दुनिया ने देखा कि कुछ सालों बाद वही लोग उसी क़ानून के विरोध में खड़े हैं और कह रहे हैं कि यह हमारे अधिकारों के ख़िलाफ़ है।
क़ानून जो शत प्रतिशत सही हो वह क़ानून है ख़ुदा का वह क़ानून है ख़ुदा के वली का क़ानून हैं क्योंकि वह ज्ञानी है, वह लोगों की ख़्वाहिशों को जानता है, वह शक्ति रखता है वह मासूम है यानी अपने लाभ के लिए कुछ नहीं करता है।
3. पूरी दुनिया पर न्याय का राज होगा।
रिवायतों में है कि जब इमाम ज़ोहूर करेंगे तो पूरी दुनिया पर अन्याय का राज होगा हर तरफ़ ज़ुल्म फैला होगा, लेकिन जब आप ज़ुहूर करेंगे तो पूरी दुनिया से अन्याय का अंधकार मिट जाएगा और संसार आपके न्याय से प्रकाशमयी हो जाएगा।
अन्याय और ज़ुल्म कई प्रकार का होता है और सबसे बड़ा अन्याय तो यह है जो हम अपने आप पर करते हैं, इन्सान ने ख़ुद पर ज़ुल्म किया है।
हमारी क़िस्मत यह नहीं थी कि हम इतने गिरे हुए होते हमारी क़ित्मत तो यह थी कि इतने ऊँचे होती कि फ़रिश्ते सजदा करते, क़िस्मत तो यह थी की सभी लोग "सलमान" होते, सभी लोग "करबला के शहीदों" के जैसे होते। लेकिन हमने ख़ुद पर ज़ुल्म किया और आज इस स्थिति में हैं।
4. सबको नजात मिल जाएगी
इमाम ज़माना (अ) को धार्मिक पुस्तकों में "मुन्जी" कहा गया है। मुन्जी का अर्थ होता है "नजात देने वाला", बचाने वाला।
इमाम ज़माना (अ) इन्सानों को नजात देंगे, जानवरों को नजात देंगे, यहां तक कि रिवायत में है कि आपकी हुकूमत से जानवर भी प्रसन्न होंगे।
5. ज्ञान का विस्तार होगा।
आज जिस युग को हम ज्ञान और टेक्नालॉजी का युग कह रहे हैं, यहां विभिन्न प्रकार के इल्म तरक़्क़ी कर रहे हैं।
रिवायत में है कि इमाम के ज़ोहूर से पहले इस संसार में ज्ञान के 27 अक्षरों में से केवल दो अक्षर होंगे लेकिन आपके (अ) प्रकट होने के बाद यह ज्ञान 27 अक्षरों पर पूर्ण हो जाएगा।
अब सोचने वाली बात है कि जब केवल दो अक्षरों वाला ज्ञान इनता तरक़्क़ी कर चुका है तो जब ज्ञान पूर्ण होगा तो यह संसार कहां होगा।
हम सब जानते हैं कि हर नबी या इमाम के पास मोजिज़ा था ताकि इससे वह अपने सच्चे होने को सिद्ध कर सके और यह मोजिज़ा उसके युग में पाई जाने वाली चीज़ों के अनुसार था।
अब अगर हम इस युग को ज्ञान का युग कह रहें है तो प्रश्न यह है कि जब इमाम ज़ोहूर करेंगे तो लोग उनको पहचानेंगे कैसे? आख़िर उनका मोजिज़ा क्या होगा?
इसका उत्तर यह है कि उनका मोजिज़ा होगा ज्ञान और इल्म। आपके पास वह इल्म होगा कि इस दुनिया के सारे विद्वान और बुद्धीजीवी आपके सामने सर झुकाएंगे।
आप ख़ुद ही सोचिये कि अगर आज कोई एक व्यक्ति प्रकट हो और दावा करे कि वह इमाम है और वह हर भाषा बोल सकता हो, जो हर प्रश्न का उत्तर रखता हो तो कोई क्यों उसपर विश्वास नहीं करेगा। कोई क्यों उसपर ईमान नहीं लाएगा।
रिवायत में है कि आपके युग में ज्ञान इतना तरक़्क़ी कर जाएगा कि एक औरत अपने घर में बैठकर अपने सवालों का उत्तर ख़ुद क़ुरआन से निकाल लेगी।
6. सुरक्षा
आपके युग में हर तरफ़ सुरक्षा और अमन व अमान होगा कहीं भी असुरक्षा का भाव नहीं होगा, आप यह सियासत अपनाएंगे कि थोड़े ही समय में पूरी दुनिया में अमन फैल जाएगा।
इमाम जब आएँगे तो लोगों के दिलों से कीना निकल जाएगा, लोगों के दिलों में मोहब्बतें भर जाएंगी। यह अमन और अमान इस मंज़िल पर होगा कि एक औरत क़ीमती चीज़ों के साथ इराक़ से शाम तक चली जाएगी और उसको कुछ नहीं होगा।
7. हर तरफ़ कल्याण ही कल्याण होगा
आप जब प्रकट होंगे तो दौलत को सारे लोगों के बीच हक़ और न्याय के साथ बांटेंगे, कुछ रिवायतों में आया है कि आपका युग वह होगा जिसमें कोई फ़क़ीर न रह जाएगा लोग ख़ुम्स और ज़कात देना चाहेंगे लेकिन उनको कोई लेने वाला न मिलेगा, हर प्रकार की शारीरिक और आत्मिक समस्याएँ दूर हो जाएगी, घर की मुश्किल , पैसे की समस्या, शादी का मसला, पढ़ाई का ख़र्च... आदि हर प्रकार की समस्याओं का समाधान हो जाएगा क्योंकि यह सारी समस्याएं होती है पैसे को सही प्रकार से ना बांटने से और इमाम इसी समस्या को हल कर देगें तो सारी समस्याएं हल हो जाएगी।
आपके ज़माने में ज़मीन और आसमान के द्वार खोल दिए जाएंगे हर तरफ़ से बरकतें नाज़िल होंगी।
8. एक हुकूमत, एक हाकिम और एक क़ानून होगा
आज इस दुनिया में भी इसी का नारा लगाया जा रहा है, कहा जा रहा है कि जिस प्रकार इन्सान का सारा शरीर केवल एक दिमाग़ के कंट्रोल में होता है उसी प्रकार से आवश्यकता है एक क़ानून और एक हुकूमत कि जिससे लोग आदेश लें।
आपकी हुकूमत पूरी दुनिया पर होगी, आपकी हुकूमत में हाकिम भी एक होगा और क़ानून भी एक जिससे किसी पर भी किसी प्रकार का अत्याचार नहीं होगा, और सारे धर्में के बीच की दूरी समाप्त हो जाएगी।
9. आप क़ुरआन को जीवित करेंगे
क़ुरआन को जीवित करने का अर्थ यह है कि आज जिस क़ुरआन को हमने भुला दिया है, वह क़ुरआन जो आज केवल डेकोरेशन की चीज़ बन कर रह गया है, जो घरों के ताक़ों की ज़ीनत बन गया है, जिसको केवल शादियों में दिया जाता है, जिसको आज केवल उसी समय पढ़ा जाता है जब कोई मर जाए।
इमाम इसको जीवित करेंगे क्योंकि क़ुरआन मुर्दों की पुस्तक नहीं है बल्कि यह जिन्दा रहने वाले लोगों के लिए क़ानून है, मुर्दों पर तो केवल सवाब के लिए पढ़ा जाता है।
इमाम आएँगे और इस किताब को हमारे जीवन में जीवित कर देंगे और हर इन्सान क़ुरआन के अनुसार कार्य करेगा।
रिवायतों में है कि जब आप आएँगे तो आपके पास इमाम अली (अ) का क़ुरआन होगा।
वह कौन सा क़ुरआन है?
यह क़ुरआन कोई ऐसा क़ुरआन नहीं है जो हमारे पास मौजूद क़ुरआन से भिन्न हो क़ुरआन वही है, लेकिन इसमें अंतर यह है कि यह क़ुरआन तफ़्सीर होगा हमारे पास मौजूद क़ुरआन की, यह वह क़ुरआन है जिसमें बताया गया है कि कौन सी आयत कब और किसके लिए नाज़िल हुई है।
10. शैतान की हुकूमत का ख़ातेमा
आपके ज़ोहूर के बाद इस संसार में हुकूमत करने के लिए शैतान के पास कोई स्थान नहीं रह जाएगा उसकी सत्ता समाप्त हो जाएगी, वह किसी को बहका नहीं सकेगा
11 मोमिनों और इमामों का पलटना और रजअत
कुछ रिवायतों में आया है कि आपकी हुकूमत में सारे इमाम वापस आएँगे और हुकूमत करेंगे, और कुछ मोमिन लोग भी पलटाए जाएंगे जो आपकी हुकूमत को देखेंगे और इस पलटाए जाने की सबसे बड़ी दलील हज़रत ईसा (अ) का पलट कर आना है जिसको शिया और सुन्नी सभी मानते हैं।
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