इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के साथी

इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के साथी

सुनने इब्ने माजा में एक हदीस आई है जिसमें, रसूलल्लाह (स) ने इरशाद फ़रमाया: मशरिक़ से लोग ज़ाहिर होंगें और महदी की हुकुमत तसलीम करेंगें[14][14]

सबान ने इसआफ़ूर राग़ेबीन में बयान किया है कि रिवायत में आया है कि इमाम महदी (अ) के ज़हूर के साय एक फ़रिश्ता आवाज़ देगा। यह महदी ख़ुदा का ख़लीफ़ा है इसलिए तुम लोग इसका अनुसरण करो और महदी इनताकिया के ग़ार से ताबूते सकीना निकालेंगें। और शाम के पहाड़ से तौरेत की किताबों को निकालेंगें जिस की वजह से यहूदीयों पर आपकी हुज्जत क़ायम हो जायेगी। और उनमें से अधिकतर लोग ईमान ले आयेगें।

बग़वी की किताब मसाबीहुस सुन्ना में अबू सईद के हवाले से पैग़म्बरे इस्लाम(स) से महदी के बारे में रिवायत की गयी हुज़ूर ने फ़रमाया: एक व्यक्ति प्रश्न करेगा या महदी मुझे कुछ अता करें चुनाँचे आप इस क़दर अता करेंगें जिस को वह संभाल ना सकेगा। और मुन्तख़बे कंज़ुल उम्माल में इस तरह है। हज़रत में फ़रमाया: मेरी उम्मत से महदी ज़हूर करेगा जो पाँच या सात या नौ साल ज़िन्दगी गुज़ारेगा उसके पास एक शख़्स आयेगा और कहेगा ऐ महदी मुझे अता कीजीये आप उसको अपने लिबास से इस क़दर अता करेंगें जिसको वह उठा नही सकेगा।

यनाबीऊल मवद्दत में अमीरुल मोमिनीन अली बिन अबी तालिब से रिवायत की गयी हज़रत ने फ़रमाया  ख़ुदा की सहायता उस समय तक नही आयेगी जब तक कि वह मौत से ज़्यादा आसान न हो जाये और उसी बारे में परवरदिगारे आलम का क़ौल है:

حَتَّى إِذَا اسْتَيْأَسَ الرُّسُلُ وَظَنُّواْ أَنَّهُمْ قَدْ كُذِبُواْ جَاءَهُمْ نَصْرُنَا [15]

ताकि जब वह पैग़म्बर अपनी इम्मत वालों के ईमान लाने से मायूस हो गये और उम्मत वालों ने यह गुमान कर लिया कि उनके झूट बोला गया है कि ख़ुदा उनकी मदद करेगा तो उस वक़्त हमारी मदद उनके पास आयेगी।

और यह उसी वक़्त होगा जब हमारा क़ायम ज़हूर करेगा।

मुन्तख़ब कंज़ुल उम्माल में आँ हज़रत(स) से रिवायत की गयी हज़रत ने फ़रमाया: हम अहले बैत ही की वह फ़र्द होगा जिसकी इमामत में ईसा नमाज़ अदा करेंगें।

आँ हज़रत(स) ने इरशाद फ़रमाया: जब महदी मुतवज्जेह होगें और ईसा बिन मरियम नाज़िल होगें और उनके बालों से पानी के क़तरात टपक रहें होंगें, उस वक़्त इमाम महदी(अ) ईसा(अ) से फ़रमायेगें आप लोगों को नमाज़ पढ़ाईये, ईसा फ़रमायेगें नमाज़ का क़याम आपके ज़रीये होगा। चुनाँचे ईसा मेरे फ़रज़ंद महदी की इमामत में नमाज़ अदा करेगें।

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