ख़ुदाई का दावा
ख़ुदाई का दावा
मिस्र का रहने वाला एक व्यक्ति अंगूर का एक गुछ्छा लेकर फ़िरऔन के पास आया और उससे कहने लगा कि इन अंगूरों को हीरे जवाहेरात में बदल दो। फ़िरऔन उस गुच्छे को लेकर घर में आया लेकिन उसकी समझ में नही आ रहा था कि इन अंगूरों को किस प्रकार हीरों में बदले वह बहुत परेशान था, वह सोचने लगा कि अगर वह इन अंगूरों को हीरों में ना बदल सका तो फिर किस काम का ख़ुदा हैं तब तो उसे अपने आपको ख़ुदा कहलाने का कोई हक़ नही है।
वह इसी परेशानी और सोंच की हालत में घर में बैठा हुआ था कि शैतान उसके द्वार पर आया और उसने द्वार खटखटा
फ़िरऔन के पूछा उसने पूछा कौन हैं?
शैतान ने कहाः लानत हो ऐसे ख़ुदा पर जिसको यह नही पता है कि दरवाज़े पर कौन हैं।
शैतान घर में आया और उसने वह अंगूर का गुच्छा लिया और उसने उन अंगूरों पर ख़ुदा के नामों में से एक नाम पढ़ा, वह अंगूर फ़ौरन हीरे और जवाहेरात में बदल गए।
फिर उसने फ़िरऔन की तरफ़ देखा और कहने लगा हे फ़िरऔन मेंरे पास इतने कमाल और चमत्कार हैं लेकिन फिर भी मैंने ईश्वार होने का दावा नही किया। और तू, तू तो बहुत ही गधा, मंदबुद्धि और बेकार इन्सान है फिर भी तूने ख़ुदा होने का दावा कर डाला?
फ़िरऔन ने उसपर कटाक्ष करते हुए कहाः अच्छा अगर ऐसा है और तू इनता ही जानता है तो तूने आदम को सजदा क्यों नही किया? और क्यों तुझे ख़ुदा ने स्वर्ग से निकाल दिया?
शैतान ने कहाः मैने आदम को सजदा नही किया क्योंकि मुझे पता था कि उसकी नस्ल में तुझ जैसा इन्सान पैदा होगा
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