रायबरेली में रोड शो करके उलेमा कांग्रेस की गंदी सोंच और नियत से अवगत कराएंगे
12 दिसंबर 2012 को शीला दीक्षित की सरकार में दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल महरौली की 400 साल पुरानी ग़ौसिया मस्जिद को एक सरकारी विभाग के बुलडोज़रों ने बेदर्दी से शहीद कर दिया
दिल्ली में "ग़ौसिया मस्जिद" को शहीद किये जाने और "करबला शाहे मरदां" और "छोटी करबला" पर काँग्रेस की सरकार और लीडरों की बुरी नज़र के ख़िलाफ़ मौलाना "सय्यद कल्बे जवाद नक़वी" के नेतृत्व में आचार्य पंडित क्रष्ण चंद्र शुकेला, शहर के क़ाज़ी अबुल इरफ़ान फ़िरंगी महली और मौलाना नसीर नें काँग्रेस के ख़िलाफ़ 16 सितम्बर को रायबरेली में रोड शो करके जनता को सोनिया गाँधी के झूठे वादों और काँग्रेस की मुस्लिम विरोधी सोंच से अवगत कराएंगे। यह ऐलान इन लोगों नें सामूहिक प्रेस काँफ़्रेंस में किया। इस अवसर पर मौलाना कल्बे जवाद नक़वी नें कहा कि मुज़फ़्फ़रनगर जैसे मामले में जनता को बहुत ही धैर्य से काम लेना होगा और लोगों को राजनीतिक पार्टियों से सावधान रहना होगा। उन्होंने ऐलान किया कि जल्दी ही हिन्दू- मुस्लिम धार्मिक लीडर रैली निकालेंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन अनुमति देगा तो यह लोग मुज़फ़्फ़रनगर में जाकर लोगों से अमन और आपस में भाई चारे के साथ एक रहने की अपील करते हुए शांति मार्च निकालेंगे। मौलाना कल्बे जवाद ने पत्रकारों को बताया कि सात सौ साल पुरानी ग़ौसिया मस्जिद को काँग्रेस सरकार नें पॉश कॉलोनी बनाने के लिये शहीद कर दिया और उन्होंने कहा कि यही नहीं बल्कि छोटी करबला की ज़मीन पर बारात घर बनाने का सुझाव भी काँग्रेस सरकार नें तैयार किया है।
मौलाना नें कहा कि शाहे मरदां में ज़ायरों पर गोलीबारी और उसकी सम्पत्ति पर सलमान ख़ुर्शीद और अहमद पटेल की हिस्सेदारी के चलते अवैध क़ब्ज़े से एक नर्सरी बनाई गई है जिसको यह दोनों नेताओं की शह से बनाया गया है।
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