जुओं को मारना हराम है!

जुओं को मारना हराम है!
वहाबी आलिमों ने एक फ़तवा जारी करके जुओं को मारना हराम क़रार दिया है।
(शिया टीवी) आप ने अब तक वहाबी आलिमों के एक से एक अजीबो ग़रीब फ़तवे सुने होंगे लेकिन शायद यह सबसे अधिक अजीब और हंसी वाला फ़तवा है जिसको अलनसरा की धार्मिक कमेटी के आलिमों की तरफ़ से जारी किया गया है।


जब उनसे प्रश्न किया गया किः नबी (स) की सीरत का अनुसरण करते हुए बढ़ी दाढ़ी रखने और जंग के मैदान में बहुत कम पानी मिलने के कारण दाढ़ी में जुएं हो जाते हैं तो उनको मारना कैसा है?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए इस कमेटी ने कहाः जुओं का मारना हराम है क्यों कि वह ख़ुदा की मोमिन मख़लूक़ हैं
इसलिए हमारे मुजाहिद भाइयों को चाहिए कि वह दाढ़ी में मेंहदी गलाएं ताकि खुजली कम हो और जुओं को मारने की आवश्यक्ता ना पड़े।
कितने आश्चर्य की बात है कि यह वहाबी इस प्रकार के फ़तवे दे रहे हैं जबकि इन्ही के फ़तवो के कारण रोज़ाना ना जाने कितने बेगुनाह शिया सिर्फ़ शिया होने के जुर्म में मार दिए जाते हैं। क्या इनकी निगाह में एक जुएं की जान की क़ीमत एक इन्सान से अधिक है?

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