हज़रत अली (अ) और उनके शियों की सच्चाई को सऊदी ने भी माना
हज़रत अली (अ) और उनके शियों की सच्चाई को सऊदी ने भी माना
पैगम्मबरे इस्लाम (स) से प्रश्न किया गया कि "ख़ैरुल बरीया" से कौन लोग मुराद हैं आपने फ़रमायाः अली और उनके शिया (अनुयायी) निसंदेह इस समाचार को प्रकाशित करने के बाद वहाबी लोग अपने किताबों में बदलाव करने के साथ साथ सऊदी के वक़्फ़ संस्था की साइट से भी इसके हटा देंगे
सऊदी के वक़्फ़ संस्था (वेज़ारत अवक़ाफ़ व उमूरे ख़ैरिया) की साइट पर एक ऐसा चौकाने वाला मैटर है जो ख़ुद शिया सम्प्रदाय की वास्तविक्ता और उसने हक़ पर होने की निशानी है
इस साइट पर तफ़्सीरे तबरी के माध्यम से सूरा बय्येना की सातवीं आयत में कि जहाँ ख़ुदा फ़रमाता है
إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ أُولَئِكَ هُمْ خَيْرُ الْبَرِيَّةِ
तफ़्सीरे तबरी में इस प्रकार आया हैः
يَقُول : مَنْ فَعَلَ ذَلِكَ مِنْ النَّاس فَهُمْ خَيْر الْبَرِيَّة . وَقَدْ : 29208 - حَدَّثَنَا اِبْن حُمَيْد , قَالَ : ثنا عِيسَى بْن فَرْقَد , عَنْ أَبِي الْجَارُود , عَنْ مُحَمَّد بْن عَلِيّ { أُولَئِكَ هُمْ خَيْر الْبَرِيَّة } فَقَالَ النَّبِيّ صَلَّى اللَّه عَلَيْهِ وَسَلَّمَ : " أَنْتَ يَا عَلِيّ وَشِيعَتك "
यानी पैग़म्बरे इस्लाम (स) से प्रश्न किया गया कि ख़ैरुल बरीया से मुराद कौन लोग हैं आपने फ़रमायाः अली और उनके शिया।
निसंदेह इस समाचार को प्रकाशित करने के बाद वहाबी लोग अपने किताबों में बदलाव करने के साथ साथ सऊदी के वक़्फ़ संस्था की साइट से भी इसके हटा देंगे। लेकिन इतना जान लीजीए और याद रखिए कि इस वास्तविक्ता को वह छिपा ना सकेंगे।
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