कुरआन की वो पांडुलिपि जो इमाम मुसा काज़िम (अ) की ओर मनसूब है

कुरआन की वो पांडुलिपि जो इमाम मुसा काज़िम (अ) की ओर मनसूब है

हिरन की त्वचा पर लिखा एक अनूठा कुरआन जो इमाम मूसा काजिम (अ) की ओर मन्सूब है जिसे शेख बहाई ने 425 साल पहले वक़्फ किया था और अब कुद्स रज़ावी के पुस्तकालय में रखा हुआ है।
इस कुरआन के पहले पेज जिस पर, शियों के सातवें इमाम, इमाम मूसा काजिम (अ) के हाथ की लिखावट भी मौजूद है, शेख बहाई के हस्ताक्षर के साथ 1009 (हीजरी) का एक वक़्फ नामा भी मौजूद है।

इस क़ुरआन में 83 पेज हैं, हर पेज 28 × 17 सेमी का है, प्रति पृष्ठ 6 पंक्तियाँ हैं, पोस्ट आकार: 15 × 10 सेमी है, यह क़ुरआन काली स्याही से लिखा हुआ है।

इस पवित्र क़ुरआन में सुराऐ बक़रा की आयत नम्बर 252 से अन्त तक और सुराऐ आले इमरान की आयत नम्बर 1 से लेकर आयत नम्बर 89 तक आयतें हैं जो हिरन की त्वचा पर कूफी ख़त में लिखी हुई हैं।.


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