अल्लामा डाक्टर मुहम्मद हसन शहाता

 

अल्लामा डाक्टर मुहम्मद हसन शहाता

मौसूफ़ अल अज़हर युनिवर्सिटी के साबिक़ मुदर्रिस हैं उन्होने भी काफ़ी मुतालआ और तहक़ीक़ के बाद शिया असना अशरी मज़हब की हक़्क़ीनियत को समझ लिया है, चुनाँचे वह अपने ईरान के सफ़रे अहवाज़ में त़करीर करते हुए कहते हैं कि इमाम हुसैन (अ) की इश्क़ इस बात का सबब बना कि मैने अपने तमाम औहदा व मक़ाम को तर्क कर दिया।

इसके अलावा अपने एक औप बयान में कहते हैं कि अगर मुझ से सवाल किया जाये कि हज़रत इमाम हुसैन (अ) को मशरिक़ या मग़रिब में तलाश किया जा सकता है तो मैं जवाब में कहूँगा कि इमाम हुसैन (अ) को मेरे दिल में देखा जा सकता है, ख़ुदा वंदे आलम ने हज़रत इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत का शरफ़ मुझे ईनायत किया है।

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