पेशावर में जुमे के दिन नमाज़े जुमा में 20 नमाज़ियों की शहादत के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन
पेशावर में जुमे के दिन 20 नमाज़ियों की शहादत के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन
पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से रिपोर्टस् के अनुसार पेशावर के मदरसए हुसैनिया शहीद अल्लामा आरिफ़ हुसैन हुसैनी में नमाज़े जुमा के अवसर पर होने वाले धमाकों और फ़ायरिंग के ख़िलाफ़ गिलगित बुलचिस्तान, कराची, पारा चिनार, कोएटा, मुल्तान और सरगोहा समेत कई शहरों में होने वाले प्रदर्शन के दौरान आत्मघाती हमले की निंदा की गई।
पेशावर में हुई आतंकी घटना के ख़िलाफ़ आज भी पाकिस्तान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किये गए।
स्पष्ट रहे कि जुमे के दिन होने वाले आत्मघाती हमले में शहीद अल्लामा आरिफ़ हुसैन हुसैनी के 12 साल के पोते महदी हुसैनी समेत लगभग 20 लोग शहीद और 30 लोग घायल हुए थे।
शहीद अल्लामा आरिफ़ हुसैन हुसैनी के 12 साल के पोते महदी हुसैनी को पारा चेनार के पेवाड़ क्षेत्र में उनके दादा आरिफ़ हुसैन हुसैनी के बग़ल में दफ़्न कर दिया गया। इस अवसर पर लोगों की आँखों से आँसू नहीं रुक रहे थे और लोग मातम भी कर रहे थे।
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