इन्सान की अपने साथ अदालत

इन्सान की अपने साथ अदालत

हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम जब ज़हूर करेंगे तो हर तरह के ज़ुल्म को ख़त्म करके अदालत क़ायम करेंगे। वह उस ज़ुल्म को भी ख़त्म करेंगे जो इंसान अपने ऊपर करता है।

रिवायत में मिलता है कि अल्लाह हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़रिये उम्मत को वुसअत देगा और वह बन्दों के दिलों को इबादत से भर देगा और उनकी अदालत को फैला देगा। अल्लाह इमाम के ज़रिये झूठ को ख़त्म करेगा और लडाई झगड़े वाली जानवरों जैसी ज़िन्दगी को ख़त्म करके तुम्हारी गर्दन से ग़ुलामी व ज़िल्लत की तौक़ को निकाल देगा।

हज़रत अली अलैहिस्सलाम की एक रिवायत में आया है कि हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़हूर के ज़माने में अदालत इंसान के अन्दर भी फैल जायेगी और सब लोग सही व सच्ची ज़िन्दगी की तरफ़ पलट जायेंगे।

वह ज़मीन को अद्ल व इन्साफ़ से भर देंगे पूरी दुनिया उनके सामने झुक जायेगी. तमाम काफ़िर ईमान ले आयेंगे बुरे लोग अच्छाई को अपना लेंगे और उनकी हुकूमतमें दानवर भी एक दूसरे के साथ मेल जोल से रहेंगे।

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