ईदे ग़दीर का महत्व

ग़दीर का दिन वह महान दिन है जिसमें सभी शिया, हर मुसलान बल्कि सच्चाई को चाहने वाला हर व्यक्ति प्रसन्न होता है यह वही दिन है जिस दिन रसूले इस्लाम (स) ने जह से पलटते समय ग़दीर के मैदान में इस्लामी दुनिया के सबसे बड़ा और महत्व पूर्ण संदेश दिया यही वह दिन है ज

ग़दीर का दिन वह महान दिन है जिसमें सभी शिया, हर मुसलान बल्कि सच्चाई को चाहने वाला हर व्यक्ति प्रसन्न होता है यह वही दिन है जिस दिन रसूले इस्लाम (स) ने जह से पलटते समय ग़दीर के मैदान में इस्लामी दुनिया के सबसे बड़ा और महत्व पूर्ण संदेश दिया यही वह दिन है जिस दिन ख़ुदा ने नेमतों तो तमाम कर दिया और इस्लाम धर्म से राज़ी हो गया, यही वह दिन है जिसको ईदुल्लाह यानी ईश्वरीय ईद कहा जाता है

यह इस्लामी दुनिया की सबसे बड़ी ईद है और ख़ुदा ने किसी भी नबी को नबी नहीं बनाया है मगर यह कि उसने इस दिन को ईद कहा और इसके सम्मान को अनिवार्य जाना है

इसीलिए ख़ुदा क़ुरआने मजीद के सूरा आले इमरान में फ़रमाता है

وَإِذْ أَخَذَ اللَّـهُ مِيثَاقَ النَّبِيِّينَ لَمَا آتَيْتُكُم مِّن كِتَابٍ وَحِكْمَةٍ ثُمَّ جَاءَكُمْ رَسُولٌ مُّصَدِّقٌ لِّمَا مَعَكُمْ لَتُؤْمِنُنَّ بِهِ وَلَتَنصُرُنَّهُ قَالَ أَأَقْرَرْتُمْ وَأَخَذْتُمْ عَلَىٰ ذَٰلِكُمْ إِصْرِي قَالُوا أَقْرَرْنَا قَالَ فَاشْهَدُوا وَأَنَا مَعَكُم مِّنَ الشَّاهِدِينَ ﴿آل عمران: ٨١﴾

और एक दूसरे आयत में इर्शाद होता है

وَإِنَّ مِن شِيعَتِهِ لَإِبْرَاهِيمَ ﴿الصافات: ٨٣

इसी प्रकार रिवायत में आया है किः इमाम सादिक़ (अ) से प्रश्न किया गया कि क्या जुमा, बक़्रईद और ईदुल फ़ित्र के अतिरिक्त भी मुसलमानों के पास कोई और ईद है?

आपने फ़रमायाः हां। एक ऐसी ईद है जो हर ईद से अधिक बड़ी और सम्मानित है।

रावी कहता हैः वह कौन सी ईद है?

आपने फ़रमायाः वह दिन है कि जब रसूले ख़ुदा (स) ने इमाम अली (अ) को अपना जानशीन बनाया और एलान कियाः जिसका मैं मौला हूँ अली भी उसके मौला हैं। और मोहम्मद और आपकी पवित्र आल को याद करों और उन पर सलवात पढ़ों रसूले ख़ुदा ने इमाम अली (अ) से वसीयत की कि इस दिन को ईद क़रार दें, हर नबी ने अपने जानशीन को वसीयत की कि इस दिन को ईद क़रार दे।

 

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