ब्रिटेन में सैकड़ों शरणार्थी बच्चों पर मंडरा रहा है यौन शोषण का ख़तरा
ब्रिटेन में पनाह लिए हुए अनेक बच्चों के शोषण के बारे में चिंता के बीच, सैकड़ों बच्चे इस देश में लापता हो गए हैं।
ब्रितानी अख़बार इंडिपेन्डेंट के अनुसार, ब्रितानी अधिकारियों को इन बच्चों में से 360 बच्चों के भविष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वे सही सलामत हैं या नहीं।
बताया जाता है कि इन बच्चों में से लगभग 200 बच्चे 2 साल से ज़्यादा समय से लापता हैं। इंडिपेन्डेंट के अनुसार, पिछले 5 साल में बिना मां-बाप या अभिभावक के 9287 बच्चों और नौजवानों ने ब्रिटेन में पनाह ली है।
इनमें से ज़्यादा तर शरणार्थियों की उम्र कम है और वे अपने अपने देश से जंग और ग़रीबी के कारण बाहर निकले हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, लापता होने वाले बच्चों में 81 बच्चों की उम्र 5 साल से कम है। इसी प्रकार जिन बच्चों को लापता हुए 4 और 3 साल हो रहे हैं उनकी संख्या क्रमशः 77 और 87 है।
इंडिपेन्डेंट के अनुसार, अप्रवासन विभाग के कर्मचारियों की ज़िम्मेदारी है कि वे बिना अभिभावक वाले बच्चों के प्रवेश के बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। आरंभिक निगरानी के बाद इन बच्चों को, बच्चों की देखभाल करने वाले केन्द्र या एक परिवार के संरक्षण में दिया जाता है। इसके बाद जनकल्याण विभाग के कर्मचारी इन बच्चों की सेहत और उनके निवास स्थल के बारे में संतोष हासिल करे और जब भी उन तक पहुंच न हो तो इस बारे में जल्द से जल्द गृह मंत्रालय के अधिकारियों सहित संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।
इस रिपोर्ट में आया है कि इन बच्चों के लापता होने के अनेक कारण हो सकते हैं। जैसे निकाल दिए जाने का डर, सरकारी कर्मचारियों पर बिल्कुल ही विश्वास न होना या मानव तस्कर के हाथ लगना।
इस बीच ब्रितानी राजनेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस बात की ओर संकेत करते हुए कि 2016 की पहली तिमाही में 20 से कम बच्चों और युवाओं को इस देश में पनाह देने पर सहमति हुयी है, कहा है कि "ट्रेसा मे" की सरकार ने इतनी कम संख्या में बच्चों की देखभाल में लापरवाही बरती है।
ब्रिटेन में बच्चों के मामलों के विभाग की अधिकारी आन लॉन्गफ़ील्ड ने इंडिपेन्डंट के साथ इंटर्व्यू में बल दिया कि सरकार को ब्रिटेन में लापता हुए बच्चों व युवाओं का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए।
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